दोहा लेखन
विषय-*कलम की ताकत*
1)भर स्याही के रंग को,कलम बाँटती ज्ञान।
अंकों की माला बना, बढ़ा रही है शान।।
2)कल्पक हिय के भाव को, कलम पंख दे जाय।
अलंकार, रस, गीत से, पृष्ठ वही चमकाय।।
3)देख कलम की धार को, नत होवे तलवारि।
तन को यह छूवे नहीं, मन घायल कर मारि।।
4)वेदों की महिमा लिखे, धन्य कलम का काम।
ग्रंथ अनूठे लिख रही,सहज रूप दे नाम।।
5)समय चाक में पिस गए,युग के बरस अपार।
कलम अकेली चल रही, लिए अडिग पतवार।।
-निधि सहगल 'विदिता'
No comments:
Post a Comment