2122 2122 212
१)लाज का घूँघट उठाओ तो सही
चाँद सा मुखड़ा दिखाओ तो सही
२)नफ़रतें मिटती रहेंगी खुद-ब-खुद
प्यार के गुलशन खिलाओ तो सही
३)बंदिशें ही क़त्ल करती वस्ल का
तुम हया की तह हटाओ तो सही
४)मरने"को तैयार हैं हम बारहा
तीर नजरों से चलाओ तो सही
५)जिस्म है फ़ानी भला किस काम का
रूह 'निधि' की आजमाओ तो सही
-निधि सहगल 'विदिता'